दिल्ली व्यूरो
नई दिल्ली : लखीमपुर खीरी मामले को लेकर समूचा विपक्ष, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बना रहा है. संसद के शीतकालीन सत्र में भी इस मुद्दे के कारण कार्यवाही बाधित हो रही है लेकिन बीजेपी नेतृत्व, मंत्री अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ कार्रवाई के पक्ष में नहीं है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.अजय मिश्रा को केंद्रीय मंत्रिपरिषद से नहीं हटाया जाएगा. सूत्र बताते हैं कि बीजेपी नेतृत्व की राय है कि स्पेशन इनवेस्टीगेशन टीम (SIT) की रिपोर्ट अंतिम नहीं है और अदालत में मामले की सुनवाई चल रही है. वैसे भी बेटे की करतूतों की सजा पिता को नहीं दी जा सकती. पत्रकारों के साथ अजय मिश्रा के रवैये को जरूर गलत माना गया है और उन्हें हिदायत दी गई है कि आगे से ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए.
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी मामला संसद में पक्ष-विपक्ष के टकराव का नया कारण बन गया है. विपक्ष, एसआइटी की रिपोर्ट के बाद गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र का इस्तीफा मांग रहा है. रिपोर्ट में उनके बेटे पर इरादतन हत्या का आरोप है, जबकि सरकार अब भी अपने मंत्री के साथ खड़ी है.राज्यसभा में गुरुवार को कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा है कि टेनी को इस्तीफा देना चाहिए . बुधवार को लखीमपुर केस की गूंज संसद भवन में सुनाई दी थी. लोकसभा में राहुल गांधी ने इस मामले में एडजर्नमेंट नोटिस दिया था जिसे स्पीकर ने खारिज कर दिया.
गौरतलब है कि स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम (SIT) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि लखीमपुर खीरी मामले में किसानों पर गाड़ी चढ़ाना एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा थी. मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी है. मामले की जांच कर रही टीम ने जज को लिखा है कि आशीष मिश्रा के खिलाफ आरोपों को ‘संशोधित’ किया जाना चाहिए